
चिराग का दिल दिल्ली में नहीं लग रहा है, बिहार आने को चिराग बेकरार है और यह बातें कोई और नहीं बल्कि खुद चिराग पासवान कह रहे हैं।
जी हां LJPR के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल ही में अपने बयान से यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका दिल अब दिल्ली की राजनीति में नहीं लगता। चिराग ने कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा से बिहार रही है और वह केंद्रीय राजनीति से जल्द वापस बिहार लौटेंगे। टाइम्स नाउ समिट में बोलते हुए चिराग ने बताया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में हिस्सा नहीं लेंगे, लेकिन 2030 में वह अपनी राजनीतिक यात्रा को फिर से बिहार में जारी करेंगे।
चिराग पासवान ने कहा, “मेरे पिता दिवंगत रामविलास पासवान की राजनीति का ज्यादा फोकस केंद्र पर था, लेकिन मेरी प्राथमिकता हमेशा बिहार ही रही है। केंद्र में ज्यादा समय तक मैं नहीं रह सकता। मेरा प्रदेश मुझे बुला रहा है और मैं बिहार लौटने की योजना बना रहा हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि उनका राजनीतिक दृष्टिकोण ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ पर आधारित है। उनका मानना है कि बिहार की तरक्की के लिए वह जो भी कदम उठाएंगे, वह सबसे पहले राज्य के हित में होंगे। चिराग ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वह उम्मीदवार नहीं होंगे, लेकिन 2030 तक वह अपने राज्य में सक्रिय राजनीति में लौटेंगे।
चिराग पासवान ने यह भी कहा कि बिहार के लिए उनका प्यार और निष्ठा कभी भी कम नहीं हुआ है। “मैंने कभी भी अपनी राजनीति को केंद्र की राजनीति से ऊपर नहीं रखा। केंद्र में काम करने का मेरा समय शायद अब पूरा हो चुका है। बिहार ने मुझे जो सम्मान दिया है, वही मेरा मुख्य उद्देश्य होगा।”
चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवालों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता इस मुद्दे को बिना मतलब उठा रहे हैं और उनके स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं। व्यक्तिगत हमले नहीं होने चाहिए। राजनीति में अगर किसी को आलोचना करनी हो, तो वह नीतियों के आधार पर होनी चाहिए, न कि किसी के स्वास्थ्य पर। नीतीश कुमार की सेहत को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, वह पूरी तरह से गलत है।”
उनके मुताबिक, विपक्ष को व्यक्तिगत आरोप लगाने के बजाय नीति और योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। चिराग ने यह भी जोड़ा कि स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे कोई राजनीतिक तर्क नहीं हो सकते और राजनीति में सार्वजनिक स्वास्थ्य के मामलों को इस तरह से नहीं उठाया जाना चाहिए।
चिराग पासवान ने अपनी बातचीत के दौरान विपक्षी नेताओं और राजनीतिक मित्रों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को अपना भाई बताते हुए कहा कि भले ही उनके और यादव परिवार के बीच राजनीतिक मतभेद हों, लेकिन वे हमेशा भाई-बहन की तरह हैं। चिराग ने कहा, “तेजस्वी और तेज प्रताप से मेरे रिश्ते हमेशा पारिवारिक रहे हैं, लेकिन राजनीति में हमारी अलग-अलग राहें हैं। यह मतभेद पहले से हैं और अब भी रहेंगे।”
चिराग पासवान ने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के भविष्य पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पहले प्रशांत किशोर को अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने का अवसर दिया जाना चाहिए और बाद में देखा जाएगा कि उनका राजनीतिक विमान सुरक्षित रूप से लैंड करता है या नहीं। चिराग ने कहा, “प्रशांत किशोर एक अच्छे रणनीतिकार हैं, लेकिन उनका राजनीतिक भविष्य केवल समय ही बताएगा। अभी उन्हें अपनी यात्रा पूरी करने दीजिए।”
बाकी चिराग पासवान का यह बयान उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर साफ संकेत दे रहा है। उनका बिहार की राजनीति में लौटने का इरादा यह बताता है कि वह राज्य के लोगों के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा को फिर से जोड़ना चाहते हैं। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि वे इस साल बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन 2030 तक बिहार में अपनी ताकत वापस हासिल करेंगे। साथ ही, नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर विपक्षी आरोपों का जवाब देते हुए चिराग ने
व्यक्तिगत हमलों के बजाय नीति पर चर्चा करने की आवश्यकता जताई।
अब यह देखना होगा कि चिराग की राजनीति का बिहार में भविष्य क्या होगा और उनका नेतृत्व बिहार के राजनीतिक परिपेक्ष्य में कितना महत्वपूर्ण साबित होगा।