
जेठ की लू और सावन की फुहार , दोनों का असर अपरम्पार कुछ ऐसा ही हाल बिहार का होगया है, बिहार में गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में लू और मौसमी बीमारियों को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है।
तेज धूप और भीषण गर्मी के कारण लोग परेशान हैं, और कई जगहों पर हीट स्ट्रोक के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि मौसम विभाग और स्वास्थ्य विभाग की क्या तैयारी है और हम अपने आपको इस खतरनाक मौसम से कैसे बचा सकते हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, बिहार के कई जिलों में टेम्परेचर लगातार बढ़ रहा है। राजधानी पटना समेत बक्सर, गया, औरंगाबाद, रोहतास, नवादा, भागलपुर, सीवान और खगड़िया में लू के हालात बन चुके हैं।मार्च के अंत तक ही कई जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है।
अप्रैल और मई में यह 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने की संभावना है।खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक लू का असर सबसे ज्यादा रहेगा।
वही डॉक्टरों का कहना है की “बिहार में लगातार तापमान बढ़ने का कारण जलवायु परिवर्तन और पश्चिम से आ रही गर्म हवाएँ हैं। अगले 10 दिनों तक राहत की कोई संभावना नहीं दिख रही। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
गर्मी के इफ़ेक्ट को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे लू से इफ़ेक्ट हुए मरीजों के इलाज के लिए तैयार रहें। हर अस्पताल में हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए स्पेशल बेड रिज़र्व किए गए हैं, और आवश्यक दवाओं और ट्रीटमेंट की पर्याप्त अरेंजमेंट की गई है।ओआरएस और इलेक्ट्रोलाइट पानी की अवेलेबिलिटी सुनिश्चित की गई है और लू के लक्षणों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
बढ़ती गर्मी के कारण हॉस्पिटलों में हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
कई लोगों को चक्कर, कमजोरी, बेहोशी और उल्टी-दस्त की शिकायत हो रही है।
बच्चों और बुजुर्गों को अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है।
वही “लू से बचने के लिए शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखना सबसे जरूरी है, लोगों को अधिक से अधिक liquid लेने चाहिए और बिना जरूरत धूप में नहीं निकलना चाहिए।
“कुछ डॉक्टरों का ये भी कहना है की “बदलते मौसम के कारण डेंगू, टाइफाइड, पीलिया, पेट संक्रमण, सर्दी-जुकाम, खांसी, और बुखार जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं। खासकरदमा, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगियों को अधिक अलर्ट रहने की आवश्यकता है।”
मौसमी बीमारियों से बचने के लिए कई उपाय कर सकते है जैसे की ताजा और हल्का भोजन करें।खुला और ख़राब पानी का सेवन न करें।ठंडी चीजें खाने से बचें।घर के अंदर रहें और स्वच्छता बनाए रखें।
दूसरी तरफ “भीषण गर्मी का असर फसलों पर भी पड़ सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सिंचाई का समय सुबह या शाम के समय रखें और फसलों को लू से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करें।”
इसको लेकर किसानों के लिए सुझाव है की वे खेतों में सुबह और शाम ही काम करें।मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर सिंचाई करें।
फसलों को ढकने और हरा चारा देने की व्यवस्था करें।