
अगर आप भी सोशल मीडिया पर रहते हैं खूब एक्टिव तो अभी तक GHIBLI से आपकी मुलाकात हो ही गई होगी | मगर ये GHIBLI है क्या..अचानक से ट्रेंड में कहां से आया इसके फायदे नुकसान सभी पहलुओं पर करेंगे हम बात |
देखिए इंस्टाग्राम हो या फेसबुक या , ट्विटर हो या व्हट्सप्प का status section | जहां देखों वहां घिबली इमेज की बाढ़ आई हुई है | हर कोई अपनी Ghibli Art बनाकर अपलोड करने में व्यस्त है। अब ये नई बला Ghibli Art आया कहां से तो देखिएओपन AI के CHATGPT ने नया टूल लॉन्च किया जिसके बाद इंटरनेट पर तूफान आ गया है। हालात तो ये है कि खुद कंपनी को लोगों से रिक्वेस्ट करनी पड़ रही है कि थोड़ा संयम रखें, क्योंकि लोगों की डिमांड की वजह से वो सो तक नहीं पा रहे हैं| चैट जीपीटी की स्टूडियो घिबली का खुमार लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है| इसकी ऐसी बाढ़ आई कि ओपन एआई का सर्वर क्रैश हो गया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस घिबली इमेज के पीछे किसका दिमाग है? कब इसकी शुरुआत हुई थी, जिसने इसे जन्म दिया और कौन इसकी असली मालिक है? नहीं जानते तो अब जान जाएंगे सोशल मीडिया पर इन दिनों घिबली आर्ट एनिमेशन छाया हुआ है| लोग अपनी फोटोज से उसका एनिमेशन बना रहे हैं. पहले जानिए कि ये Ghibli है क्या ? घिबली भले ही आपके लिए नया हो, लेकिन इसकी शुरुआत साल 1985 में हुई थी| अपने हैंड-ड्रॉन ऐनिमेशन की जरिए किस्से-कहानियां कहने वाली इस आर्ट स्टूडियो ने लाखों दिलों को जीता है| इस आर्ट की मदद से माइ नेबर टोटरो, स्पिरिटेड अवे और प्रिंसेस मोनोनो जैसी कई फिल्में बनी है| आज ये फीचर्स एआई की मदद से आपतक पहुंची है|
घिबली की जड़ें जापान से जुड़ी है| हयाओ मियाजाकी है. मियाजाकी नाम के एनिमेटर ने इसकी शुरुआत की| जिस आर्ट को मियाजाकी ने 40 साल पहले बनाया आज उनकी पूरी दुनिया दीवानी है| हायाओ मियाजाकी घिबली स्टूडियो के फाउंडर हैं| उन्होंने इस एनिमेटेड आर्ट का इस्तेमाल कर 25 से ज्यादा एनिमेटेड फिल्में और टीवी सीरीज बनाई हैं|
एनिमेशन फिल्में, उससे जुड़े प्रोडक्ट्स, फिल्मों की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग राइट्स से मियाजाकी की मोटी कमाई होती है| पेन बुकसेंटर के मुताबिक 2025 तक मियाजाकी की अनुमानित कुल संपत्ति $50 मिलियन यानी करीब 427 करोड़ रुपये के करीब है| उनकी गिनती दुनिया के सबसे अमीर एनिमेटर निर्देशकों में होती है| और आज चैटजीपीडी एआई की मदद से उनकी घिबली आर्ट दुनिया के कोने-कोने में पहुंच गई है। हर कोई घिबली आर्ट को बना रहा है ,मगर अब आते हैं इसके फायदे और नुकसान पर तो देखिए अगर आपको लगता है कि एआई से अपनी तस्वीरें जनरेट करवाना मजेदार है और इसका केवल मनोरंजन के लिए ही इस्तेमाल हो रहा है, तो आपको दोबारा सोचने की जरूरत है। एआई कंपनियों पर लोगों के डेटा बेचने के आरोप लगते रहे हैं।
एआई टेक्नोलॉजी को भूल से भी हल्के में लेने की कोशिश न करें। बिना सोचे समझे किसी भी एआई प्लेटफॉर्म में तस्वीरें अपलोड करना आपको मुश्किल में डाल सकता है। कुछ साल पहले Clearview AI नाम की एक कंपनी पर बिना इजाजत सोशल मीडिया और न्यूज वेबसाइट्स से 3 अरब से ज्यादा तस्वीरें चुराने का आरोप लगा था। यह डेटा पुलिस और प्राइवेट कंपनियों को बेचा गया था।
यही नहीं, मई 2024 में ऑस्ट्रेलिया की आउटबॉक्स कंपनी का डेटा लीक हुआ, जिसमें 10 लाख से ज्यादा लोगों के फेशियल स्कैन, ड्राइविंग लाइसेंस और पते चोरी हो गए। यह डेटा एक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया, जिससे हजारों लोग पहचान चोरी और साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो गए।
इतना ही अगर आपको लगता है कि एआई से अपनी तस्वीरें जनरेट करवाना मजेदार है तो आप बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं | एक स्टटिस्टा की रिपोर्ट के अनुसार, फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का बाजार 2025 तक 5.73 बिलियन डॉलर और 2031 तक 14.55 बिलियन डॉलर का हो सकता है। मेटा (फेसबुक) और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों पर आरोप लगते रहे हैं कि वो यूजर्स की तस्वीरों का उपयोग अपने AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए करती हैं। PimEyes जैसी वेबसाइट्स किसी भी व्यक्ति की फोटो अपलोड करके उसकी पूरी डिजिटल उपस्थिति निकाल सकती हैं। इसका सीधा मतलब है कि स्टॉकिंग, ब्लैकमेलिंग और साइबर क्राइम के मामले बढ़ सकते हैं।