वक्फ से मुसलमानों को फायदा तो किसे लगा झटका ?

लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित हो चुका है, जिसका बिहार में कई प्रकार की जमीनों पर बड़ा असर होगा। अब तक वक्फ बोर्ड द्वारा अचानक से कई सम्पत्तियों पर दावा कर दिया जाता था, जिससे विवाद उत्पन्न होते थे। इस विधेयक के पारित होने के बाद इन विवादों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

वक्फ बिल को लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया। उन्होंने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हित में है। सदन में 288 के मुकाबले 232 मतों से इस विधेयक को मंजूरी मिली। विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की बैठक रात लगभग दो बजे तक चली, और अंत में इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

विधेयक के तहत कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, जिनसे वक्फ बोर्ड की मनमानी पर रोक लगेगी। इनमें पहला महत्वपूर्ण संशोधन यह है कि अब किसी भी आदिवासी की भूमि को वक्फ भूमि घोषित नहीं किया जा सकेगा। इसका मतलब यह है कि बिहार, झारखंड और अन्य आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीन पर वक्फ के नाम पर कब्जा नहीं हो सकेगा। इससे आदिवासियों के हितों की रक्षा होगी। बिहार के आदिवासी क्षेत्रों में अब वक्फ कोई दावा नहीं कर सकेगा, जो कि पहले विवादों का कारण बनता था।

दूसरा बड़ा बदलाव यह है कि अब कोई भी संरक्षित स्मारक या संरक्षित भूमि को वक्फ भूमि घोषित नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा, अब तक जितने भी स्मारक या संरक्षित भूमि को वक्फ भूमि घोषित किया गया था, वे सब अब रद्द कर दिए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि (ASI) द्वारा संरक्षित घोषित किए गए स्मारकों पर अब वक्फ का दावा नहीं किया जा सकेगा।

देश भर में ऐसे करीब 200 स्मारक हैं, जिन पर वक्फ ने दावा किया है, जैसे दिल्ली का पुराना किला, कुतुब मीनार, सफदरजंग का मकबरा और हुमायूं का मकबरा। इसके अलावा कर्नाटक में टीपू सुल्तान का मकबरा, औरंगजेब की बीवी की कब्र और गुलबर्गा किला भी वक्फ संपत्ति घोषित किया गया था। बिहार में भी कई ऐसे स्मारक हैं जिन्हें वक्फ संपत्ति बताकर दावा किया जाता रहा था, लेकिन इस विधेयक के बाद उन्हें बाहर किया जाएगा।

विधेयक का एक बड़ा फायदा पसमांदा मुस्लिमों के लिए बताया जा रहा है, जो बिहार में बड़ी संख्या में हैं। पसमांदा मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक संगठन वक्फ बिल के पक्ष में है। इस संगठन का कहना है कि यह बिल 85% मुस्लिमों के लिए फायदेमंद है। पसमांदा समाज का मानना है कि इस संशोधन से वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वाले अशराफ (अगड़ी) मुसलमानों की नींव हिलने लगी है, इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं। यह बिल वक्फ बोर्ड में सुधार लाकर हाशिए पर पड़े मुस्लिमों को लाभ पहुंचाएगा।

मुस्लिम महिलाओं के बौद्धिक समूह ने भी इस वक्फ बिल का समर्थन किया है। नवंबर 2024 में JPC की बैठक में शालिनी अली के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने तर्क दिया कि यह बिल वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाएगा और महिलाओं, अनाथों, विधवाओं जैसे कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए काम करेगा। इस तरह, मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि यह विधेयक उनके अधिकारों की रक्षा करेगा।
बिहार सरकार ने अक्टूबर 2023 में जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए थे, जिसके अनुसार बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ है। इसमें 81.99% हिंदू और 17.70% मुसलमान हैं। बिहार के पांच जिले, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और दरभंगा, ऐसे जिले हैं, जिनमें मुस्लिम आबादी सबसे अधिक है। इस विधेयक के लागू होने से इन जिलों के मुस्लिम समुदाय पर भी इसका असर पड़ेगा, खासकर पसमांदा मुस्लिम समुदाय को अधिक लाभ मिलने की संभावना है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के पारित होने से बिहार समेत देशभर में वक्फ बोर्ड की मनमानी पर काबू पाया जाएगा। आदिवासी भूमि और संरक्षित स्मारकों पर वक्फ का दावा नहीं किया जा सकेगा, जिससे विवादों में कमी आएगी। पसमांदा मुस्लिमों को इससे लाभ होगा, और मुस्लिम महिलाओं के लिए भी यह विधेयक एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है। बिहार में मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में इस विधेयक के प्रभाव से सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव संभव है।

Avatar photo

Saroj Kumar Singh

Saroj Kumar Singh is the Editor at Star TV Bihar, bringing years of experience in journalism. Known for his sharp editorial skills, he oversees news content and ensures quality reporting on Bihar's most significant events and developments.

Related Posts

नहीं बंटेगी सीट ,वक्फ के खिलाफ रैली-

आज महागठबंधन की बड़ी बैठक दोपहर 2 बजे से होनी है ,ये बैठक राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय में होगी | वही इस बैठक को लेकर कई बाते सामने आ…

Read more

RJD विधायक रीतलाल का सरेंड-

RJD  के बहुबली विधायक भेजे गए जेल ,पटना के दानापुर सिविल कोर्ट में आत्मसमर्पण किया उनके साथ उनके भाई पिंकू यादव ,भतीजे श्रावण यादव और चीकू यादव ने भी आत्मसमर्पण…

Read more