
बिहार में एक बार फिर 500 रुपये के जाली नोटों के तस्कर सक्रिय हो गए हैं। बाजार में इन नकली नोटों की खेप आने के बाद पुलिस ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। खासकर पटना पुलिस और बिहार पुलिस की विशेष शाखा ने इस पर ध्यान केंद्रित किया है। बिहार पुलिस ने सभी जिलों को इस संबंध में अलर्ट जारी किया है और विशेष जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस मुख्यालय ने जाली नोटों के नमूने भी सार्वजनिक किए हैं, ताकि आम लोग और पुलिस दोनों ही असली और नकली नोट के बीच फर्क पहचान सकें। विशेष शाखा ने बताया कि इन जाली नोटों में एक महत्वपूर्ण फर्क पाया गया है। असली नोट में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नीचे ‘E’ लिखा होता है, जबकि नकली नोट में ‘A’ लिखा गया है। इस फर्क से लोगों को असली और नकली नोट की पहचान करने में मदद मिल सकती है।
नकली 500 रुपये के नोट बहुत ही सावधानी से बनाए गए हैं। तस्करों ने इन नोटों को बाजार में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन फिर भी एक बड़ी गलती कर दी। इन नकली नोटों पर “Reserve Bank of India” की जगह “Resarve Bank of India” लिखा हुआ है। यह एक बड़ी गलतियों में से एक है, जिसे विशेष शाखा ने पकड़ लिया। अब इस गलती को पहचानने के बाद, लोगों को सतर्क किया जा रहा है और विभिन्न जिलों में इन नकली नोटों के नमूने वितरित किए गए हैं।
पुलिस मुख्यालय ने सभी रेंज के आईजी, डीआईजी, जिलों के डीएम, एसएसपी और एसपी को एक पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वे इस मामले में विशेष जांच अभियान चलाएं और नकली नोटों की तस्करी को रोकने के लिए कदम उठाएं। पुलिस विभाग का मानना है कि इन जाली नोटों का सर्कुलेशन बाजार में बढ़ सकता है, इसलिए पूरी सतर्कता बरती जाए और इस संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाए।
जानकारी के अनुसार, बिहार में इन जाली नोटों को तस्करों के एक बड़े नेटवर्क के जरिए बाजार में फैलाया जा रहा है। इन नकली नोटों को बहुत बारीकी से तैयार किया गया है, जिससे आम आदमी और कुछ अनुभवी लोग भी इनकी पहचान करने में चूक जा रहे हैं। हालांकि, पुलिस विभाग और विशेष शाखा ने जल्दी ही इन नोटों को पहचान लिया है और इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए काम कर रहे हैं।
बिहार पुलिस और विशेष शाखा ने लोगों से अपील की है कि वे जागरूक रहें और नकली नोटों के बारे में किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस का कहना है कि अगर लोग सतर्क रहते हैं, तो नकली नोटों के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान को रोका जा सकता है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि लोग खुद भी नोटों की पहचान करने के लिए यह फर्क देख सकते हैं और अगर उन्हें संदेह हो, तो वे इस बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित कर सकते हैं।
बिहार पुलिस का उद्देश्य नकली मुद्रा से होने वाले संभावित नुकसान से राज्य की अर्थव्यवस्था को बचाना है। इस सक्रिय दृष्टिकोण के तहत पुलिस विभाग ने इन नकली नोटों की तुरंत पहचान और समाधान करने की योजना बनाई है। इस कदम से वित्तीय प्रणाली में विश्वास बनाए रखने के साथ-साथ सार्वजनिक सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।बिहार के कानून प्रवर्तन विभाग का यह सक्रिय कदम यह सुनिश्चित करेगा कि नकली नोटों का कारोबार राज्य में न फैले। अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे अभियान में नागरिकों की जागरूकता भी अहम भूमिका निभाती है। यदि लोग इन नकली नोटों की पहचान सही तरीके से कर पाते हैं, तो इसका प्रभावी तरीके से मुकाबला किया जा सकता है।
बिहार पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान से उम्मीद जताई जा रही है कि नकली नोटों के प्रचलन पर जल्द ही काबू पाया जाएगा, और इससे संबंधित कोई भी वित्तीय नुकसान राज्य की जनता को नहीं होगा।